रायपुर। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी राफेल मामले में देश की राजनीति गरमाई हुई है। कांग्रेस ने राफेल को दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए कहा है कि सरकार आएगी तो बिना देरी के इसे वापस करेंगे। 2012 के करार से ही सौदा होगा। कांग्रेस ने इस मामले में जेपीसी द्वारा जांच कराए जाने की मांग की है, कांग्रेस का कहना है कि JPC के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। यह कहना है पूर्व केन्द्रीय मंत्री अजय माकन का। माकन आज रायपुर पहुंचे जहां उन्होंने राफेल मामले में प्रेसवार्ता लेकर एक बार फिर केन्द्र सरकार पर जमकर हमला बोला।
माकन ने कहा राफेल पर बात करने आया हूं। क्या सौदे में गड़बड़ी हुई है और क्या सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है उस पर बात करेंगे। कोर्ट ने कहीं ये नहीं कहा कि भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. 12 दिसंबर 2012 को टेंडर खुले तो 126 राफेल 526 करोड़ के थे। बाद में लगभग 1671 करोड़ रुपये का हो गया। माकन ने कहा मोदी सरकार 41 205 करोड़ महंगे में खरीद रही है। उन्होंने कहा कि मार्च 2014 में राफेल निर्माता का करार HAL के साथ हुआ था, मोदी सरकार ने सरकारी उपक्रम को हटाकर रिलायंस को जो 2 हफ्ते पहले बनी उसको काम दे दिया जाता है, यह भ्रष्टाचार नहीं है तो क्या है? 1 लाख करोड़ के मेंटेनेंस का काम भी रिलायंस को ही मिल गया है।
माकन ने कहा मित्र पूंजीपतियों को फायदा देने की कोशिश है जिसके लिए प्रधानमंत्री ने सारे नियम की धज्जी उड़ा दी है। प्रोसिजर्स का पालन नहीं किया। 126 जहाज आना था उसके आधार पर बजट आता है, तो 36 कैसे हो गया। इसको हलके में नहीं लेना चाहिए। अगर सस्ता लिया है तो ज्यादा लेना था। उन्होंने कहा कि 108 राफेल भारत में बनते तकनीक ट्रांसफर होता। अब तकनीक ट्रांसफर नहीं हो रहा तो गलत है। बेंच मार्क प्राइस नहीं बढ़ाना चाहिए ये कमेटी ने कहा था। इतना बड़ा सौदा होता तो बैंक गारंटी ली जाती है इसको भी नहीं लिया। क्यों नहीं लिया, इसका जवाब भी नहीं है। रक्षा मंत्रालय ने भी इस पर आपत्ति की थी। कांग्रेस कभी भी कोर्ट नहीं जाना चाहती थी। कोर्ट ने जो उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है इसलिए उस पर नहीं कहा।
अजय माकन ने कहा कि रिलायंस डेवलपर्स कम्पनी के 10 रुपये वाला शेयर 1154 रुपये में राफेल वाली कम्पनी खरीदती है। 24 लाख शेयर खरीदे। इसकी JPC से जांच की मांग कांग्रेस कर रही है। सरकार ने जो जानकारी दी है उसके आधार पर फैसला हुआ। CAG मंत्रालय को पहले रिपोर्ट भेजती है फिर मंत्रालय का जवाब आता है फिर CAG देखती। उसके बाद रिपोर्ट सदन में आती है। ऐसे में कैसे कोर्ट ने कहा कि CAG रिपोर्ट PAC ने देखी है। माकन ने मोदी सरकार पर कोर्ट को गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है, उन्होंने कहा कि कोर्ट को गलत जानकारी दी गई है। सरकार का जवाब बैंक गारंटी हटाने पर नहीं है। सरकार ने इसे लाभदायक डील कहा तो इसे 36 की जगह 252 खरीद लेना था। उन्होंने कहा कि JPC के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। गोपनीयता की बात आती तो संसद को हम भी बताते थे। एयरफोर्स से बात करके हमने भी डील की थी।
अजय माकन ने इस मामले मे मोदी के लिप्त होने का आरोप लगाया है उन्होंने कहा कि मोदी सीधे इसमें लिप्त हैं। हम कहते हैं चौकीदार चोर है तो इसका क्या मतलब है। हम देशभर में प्रदर्शन कर रहे। जमीन में भी लड़ रहे हैं। JPC के गठन तक लड़ाई जारी रहेगी। कोर्ट में केन्द्र ने माना कि टाइपिंग मिस्टेक हो गई तो आज माफी कौन मांगेगा। हम चाहते हैं कि राफेल आए लेकिन चाहते थे कि 108 भारत में बने। रेट उन्होंने बढ़ा दिये। अभी तक एक भी नहीं आया। माकन ने सवाल किया कि हमारे 2012 के एग्रीमेंट को क्यों रद्द किया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सही फोरम नहीं है। वो इन सब में नहीं जा सकती है। JPC ही सही जगह है पर सरकार डर रही है। हमारी सरकार आई तो बिना देर किए 2012 के एग्रीमेंट से काम करेंगे। कोर्ट ने कहा कि हमारे अधिकार में नहीं है कि कीमत को देखें।
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