कोरबा। गरीबी की मार इंसान को तोड़ कर रख देती है और इस हालत में अगर परिवार का साथ न मिले तो जिंदगी बोझ लगने लगती है। इस हालत में इंसान ऐसा कदम उठाता है जिससे सब कुछ खत्म हो जाता है। कोरबा जिले के मुड़पार में रहने वाला युवक गरीबी और फिर पत्नी के साथ छोड़ देने का गम सह नहीं पाया और उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
ताहिर खान यहां एक किराए के मकान में अपनी पत्नी और बच्चे के साथ रहता था। वह एक दुकान में काम करता था। आदमदी बेहद कम और खर्चे ज्यादा। इस महंगाई में वह परिवार का बोझ उठा नहीं पा रहा था। शादी के लंबे समय बाद उसके यहां बच्चा हुआ।
बच्चे के होने के बाद घर के खर्चे और बढ़ गए। आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से पति-पत्नी के बीच झगड़े शुरू हुए। इसके बाद ताहिर की पत्नी उसे छोड़कर मायके चली गई। कई दिनों तक वह पत्नी को मनाने का प्रयास करता रहा, लेकिन वह ताहिर की आर्थिक स्थिति देखकर वापस आने को तैयार न थी।
धीरे-धीरे ताहिर अवसाद का शिकार हो गया और सोमवार को उसने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। ताहिर के घर से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला। इसी नोट के जरिए ताहिर की कहानी का खुलासा हुआ। इस सुसाइड नोट में गरीबी के हालात और पत्नी के साथ छोड़ देने जैसी बातों का जिक्र मिला।
ताहिर ने अपनी मौत के लिए सिर्फ गरीबी को ही जिम्मेदार ठहराया है। उसने नोट में लिखा- ‘गरीबी के चलते मैं अपनी जिम्मेदारियां नहीं निभा पा रहा हूं, माफ करना।” उसने आत्महत्या का कदम उठाने से पहले फोन पर अपने परिजनों से बात भी की और उन्हें अपने हालात बताए। इसके बाद उसने यह आत्मघाती कदम उठाया।
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