बिलासपुर, 09 अप्रैल 2020. समाजसेविका ममता शर्मा ने वकील रोहित शर्मा एवं अन्य के द्वारा लगाई है. माननीय उच्चन्यायालय में याचिका प्रस्तुत की कि छत्तीसगढ़ शासन लॉक डाउन के दौरान शराब दुकानों का बिल्कुल भी संचालन न करे, और छत्तीसगढ़ शासन को अभी यह अधिकार भी नही है जब डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत राष्ट्रीय आपदा घोषित है जो अभी राज्य की भी आपदा घोषित है ,उस समय मे केवल और केवल केंद्र के द्वारा डिसास्टर मैनजमेंट अथॉरिटी के द्वारा बनाई गई नीति नियम के अनुरूप ही राज्य को भी अपनी नीतियां ,रीतियां बनानी और लागू करनी होगी।
यहाँ तक जिन वस्तुवों की छूट व कारोबार की छूट केंद्र द्वारा प्रिसक्राइब्ड है उसमें शराब का कही कोई जिक्र ही नही है। इसीलिए CSMCN के द्वारा सुवो मोटो अपनी एक कमेटी गठित कर देना और शराब बेचने को अग्रेसित कर देना यह देश के संविधान के विपरीत है व विधि के भी विपरीत है. ममता शर्मा ने कहा मैंने एक व्यक्तिगत याचिका अपने अधिवक्ता रोहित शर्मा एवं अन्य के माध्यम से लगाई है।
याचिकाकर्ता द्वारा नशा मुक्ति केंद्र का संचालन भी किया जाता है याचिकाकर्ता का कहना है कि बहुत गरीब लोग नशे की वजह से परेशान हालत में है, जबकि अभी लॉक डाउन के दौरान किसी भी गरीब व्यक्ति के पास कोई काम नही है,इस हालत में व्यक्ति शराब पीने के लिए अपना बचा हुआ पैसा व सम्पति भी गवां देगा। स्वास्थ साहित्य ने भी नशे से पीड़ित मरीज के ईलाज हेतु शराब उपलब्ध कराना अनिवार्य है,यह कहीं भी उल्लेख नहीं है।
आगे याचिकर्ता ने कहा नशे की हालात में रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है ,अमेरिका के रिसर्च पत्र शराब पीने से शरीर पर कितना बुरा असर पड़ता है इसे भी हमने अपनी याचिका में प्रस्तुत किया है। अदालत ने इसे सुनते हुवे सिर्फ शराब दुकानों व तबलिकी जमतो के विषय की याचिका को सुनते हुवे इस संदर्भ में सुनवाई की तारीख 13अप्रैल को निर्धारित की ,तब तक राज्य को अपना पक्ष रखने को कहा बाकी कोविड 19 से जुड़े मुद्दों को 27अप्रैल का समय को सुनवाई का समय दिया गया है ।
More Stories
वन विभाग में अधिकारीयों के बीच 18.5 प्रतिशत कमीशन बाटने के विवाद में, 800 मजदूर 6 महीने से भटक रहे मजदूरी भुगतान को??? काम के बाद भी पेट की भूख के लिए कराह रहे मजदूर….. रेंजर का आरोप डीएफओ 18.5 प्रतिशत मांग रही मजदूरी भुगतान में कमीशन….
मुख्य वन संरक्षक बड़गैयया को सूचना आयोग ने जारी किया कारण बताओ नोटिस…. कहा ..”क्यों नहीं आप के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की जावे”…. डीएफओ को भी जारी हुआ 25000 अर्थदंड का नोटिस…
प्रदेश के इतिहास में पहली घटना: किसी अधिकारी के ट्रांसफर के विरोध में बड़ी संख्या में सैकड़ो किलोमीटर की दूरी तय कर जनता पहुंची राजधानी मंत्री के बगले… मंत्री बगले के सामने कतार लगाकर किया प्रदर्शन..