रायपुर। जनाब यह छत्तीसगढ़ है जहां पिछले 15 वर्षों तक भारतीय जनता पार्टी ने शासन किया है। यहां प्रमुख सचिव से चपरासी तक की नियुक्ति संविदा पर है। वह भी सेवानिवृत अधिकारियों व कर्मचारियों की। ताज्जुब की बात यह है कि हजारों लोग नौकरी कर रहे हैं, वेतन ले रहे हैं पर शासन को उनकी संख्या कितनी है इसकी पुख्ता जानकारी नहीं है। सत्ता परिवर्तन के बाद जब सरकार संविदा कर्मियों की संख्या आदि के बारे में जानना चाह रही है तो संबंधितों के पसीने छूट रहे हैं।
एक तरफ सरकार जहां नौकरियों में अवसर बढ़ाने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों की सेवा आयु कम करने पर विचार कर रही है वहीं राज्य में सरकार के विभिन्न् विभाग सहित निगम मंडलों में सैकड़ों की संख्या में रिटायर्ड अधिकारी कर्मचारी संविदा पर तैनात हैं।
यहां तो सरकार ने प्रमुख सचिव स्तर पर भी संविदा कर रखा है। वर्तमान में मंत्रालय में कई महत्वपूर्ण पदों पर भी संविदा पर ही तैनाती है। संविदा पर कार्य करने वालों रिटायर्ड लोगों के लिए वेतन का आदि विधिवत निर्धारित है।
सेवानिवृत कर्मचारियों की संविदा को लेकर आयु की सीमा 70 वर्ष ही निर्धारित है पर पिछली सरकार में ऐसे लोगों को भी संविदा मिली जो 70 पार के हैं। यहां तक कि चुनाव परिणाम आने से पहले संविदा अफसरों ने मंत्रालय में एक फाइल भी चला दी जिसमें संविदा की उच्चतम सीमा और बढ़ाने की बात कही गई थी। हालांकि सरकार बदल गई और अब इन संविदा कर्मियों की नौकरी खतरे में है।
मुख्य सचिव ने मांगी संविदा कर्मियों की संख्या संबंधी जानकारी
मुख्य सचिव अजय सिंह ने सभी विभागों में तैनात संविदा कर्मियों की संख्या संबंधी जानकारी मांगी है। सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव एमआर ठाकुर ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, विशेष सचिवों से पत्र लिखकर उक्त जानकारी उपलब्ध कराने की बात कही है। उप सचिव ने अपने पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि जानकारी बुधवार को ही दो बजे तक अनिवार्य रुप से उपलब्ध करानी है।
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