रायपुर। मंत्री ताम्रध्वज साहू सात दिन के भीतर सांसद के पद से इस्तीफा दे देंगे। साहू ने बताया कि उन्होंने फैसला लिया है, छत्तीसगढ़ में मंत्री रहकर काम करेंगे। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार सांसद और विधायक दोनों लाभ का पद है। कोई भी व्यक्ति दोनों में से किसी एक पद का ही लाभ ले सकता है।
अगर, कोई व्यक्ति दोनों पदों पर चुना जाता है, तो दूसरे पद पर निवार्चित होने की तिथि से 14 दिनों के भीतर एक पद का त्याग करना होता है। साहू 2014 से दुर्ग लोकसभा से सांसद हैं। अभी दुर्ग ग्रामीण विधानसभा से विधायक भी बन गए हैं। 11 दिसंबर को विधानसभा चुनाव का नतीजा आया था।
अधिनियम के अनुसार 25 दिसंबर को 14 दिन की समयसीमा खत्म हो जाएगी। साहू सांसद का पद छोड़ सकते हैं, इसका संकेत पहले ही मिल गया था।
हाईकमान ने पहले तो दुर्ग ग्रामीण विधानसभा से प्रत्याशी घोषित करने के बाद उसका टिकट काटा और साहू को प्रत्याशी घोषित किया। अब साहू को मंत्री भी बना दिया गया है। साहू के सांसद पद से इस्तीफा देने के बाद दुर्ग लोकसभा सीट में उपचुनाव कराने की जस्र्रत नहीं पड़ेगी, क्योंकि छह महीने के भीतर ही लोकसभा चुनाव होने वाला है।
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