नई दिल्ली, 07 जनवरी 2020. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ‘श्रम विरोधी नीतियों’ के खिलाफ बड़ी ट्रेड यूनियनों (Trade Unions) ने 8 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल बुलाई है. इन ट्रेड यूनियन्स ने दावा किया है कि इस हड़ताल में 25 करोड़ लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. इसमें छात्रों के 60 संगठनों और कुछ यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों ने भी हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है.
कौन कर रहे हैं हड़ताल
देश की बड़ी ट्रेड यूनियन, INTUC, AITUC, HMS, CITU, AIUTUC, TUCC, SEWA, AICCTU, LPF, UTUC के अलावा कई और अन्य सेक्टोरल इंडिपेंडेंट फेडरेशन और असोसिएशन्स ने हड़ताल में शामिल होने का ऐलान किया है. इसके अलावा छात्रों के 60 संगठनों और कुछ विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों ने भी हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है.
क्या है हड़ताल की वजह
ट्रेड यूनियनों के अनुसार, श्रम मंत्रालय अब तक श्रमिकों को उनकी किसी भी मांग पर आश्वासन देने में विफल रहा है. श्रम मंत्रालय ने दो जनवरी, 2020 को बैठक बुलाई थी. सरकार का रवैया श्रमिकों के प्रति अवमानना का है. छात्रों ने की ओर से हड़ताल का एजेंडा बढ़ी फीस और शिक्षा के व्यावसायीकरण का विरोध करने का है.
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