रायपुर। एसजी न्यूज। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत अचनाकमार्ग टाईगर रिजर्व क्षेत्र में बन रहे 621 मकानों की निर्माणाधीन कालोनी पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा जब वर्ष 2020 तक सभी ग्रामों का विस्थापन करना है तो नया बनाने का मतलब क्या, ऐसे निर्माणों से वन्य प्राणी और जंगल तो प्रभावित होंगे ही इनसे पैसों की भी बर्बादी होगी।
छत्तीसगढ़ के प्रमुख टाईगर रिजर्व (ATR) के कोर क्षेत्र में रू. 7 करोड़ 45 लाख करोड़ की लागत से निर्माणधीन 621 प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के निर्माण पर मुख्य न्यायाधीश अजय त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति प्रितिंकर दिवाकर की युगलपीठ ने स्टे लगा दिया है।
प्रकरण के संबंध में याचिकाकर्ता रायपुर निवासी नितिन सिंघवी ने बताया कि ATR छत्तीसगढ़ का वह प्रमुख टाईगर रिजर्व है जहां छत्तीसगढ़ के आधे बाघों के रहने का दावा वन विभाग करता है। गत गणना में ATR में 27 बाघों का दावा किया गया था।
ATR के कोर क्षेत्र के 19 गावों में PMAY-G के तहत एैसे 621 मकान, प्रति मकान रू. 1 लाख 20 हजार रूपये की दर से बनाना चालू किया गया है जिनकी उम्र 30 वर्षों की रहेगी, जबकि इन्ही 19 गावों की विस्थापना वर्ष 2019-20 तक किया जाना प्रस्तावित है, जिसके तहत प्रत्येक परिवार को रू. 10 लाख दिये जावेंगे। वन विभाग ने बताया था कि 19 गावों के सभी ग्रामीण विस्थापन हेतु सहमत हैं तथा योजना भी तैयार है। कुल 25 गांवों में से 6 गांवों के 249 परिवारों का सफलतापूर्वक विस्थापन पहले ही हो चुका है तथा शेष 19 गांवों का विस्थापन तीन चरणों में किया जावेगा जिसके तहत 3394 परिवारों का विस्थापन वर्ष 2019-20 तक किया जावेगा। याचिकाकत्र्ता के अनुसार विस्थापन उपरांत ग्रामीणों को अन्य सुविधायें जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, आवागमन, दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति प्राप्त करने में सुविधा होगी।
एसजी न्यूज़ को प्राप्त जानकारी के अनुसार तत्कालीन जिला कलेक्टर ने पंचायत विभाग प्रमुख को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई थी कि यह निर्माण नही होना चाहिए। किन्तु अधिकारियों ने कलेक्टर की नही सुनी और योजना को मंजूरी प्रदान कर शासन को करोड़ो रुपये का हानि पहुचाया।
सवाल है कि इतनी बड़ी गलती का जिम्मेदार कौन है सबकुछ मालूम होने के बाद भी सरकार को हानि पहुचाई।
More Stories
वन विभाग में अधिकारीयों के बीच 18.5 प्रतिशत कमीशन बाटने के विवाद में, 800 मजदूर 6 महीने से भटक रहे मजदूरी भुगतान को??? काम के बाद भी पेट की भूख के लिए कराह रहे मजदूर….. रेंजर का आरोप डीएफओ 18.5 प्रतिशत मांग रही मजदूरी भुगतान में कमीशन….
मुख्य वन संरक्षक बड़गैयया को सूचना आयोग ने जारी किया कारण बताओ नोटिस…. कहा ..”क्यों नहीं आप के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की जावे”…. डीएफओ को भी जारी हुआ 25000 अर्थदंड का नोटिस…
प्रदेश के इतिहास में पहली घटना: किसी अधिकारी के ट्रांसफर के विरोध में बड़ी संख्या में सैकड़ो किलोमीटर की दूरी तय कर जनता पहुंची राजधानी मंत्री के बगले… मंत्री बगले के सामने कतार लगाकर किया प्रदर्शन..