रायपुर। राज्य की भूपेश बघेल सरकार ने तय किया है कि टाटा इस्पात से किसानों को उनकी जमीन वापस दिलाई जाएगी। किसानों की जमीन पर टाटा कंपनी ने प्लांट लगाने में असमर्थता व्यक्त की है। लोहंडीगुडा में टाटा कंपनी को 6400 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई थी। यह जमीन किसानों से अधिगृहीत की गई थी।
मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद हुई बैठक के बाद मीडिया को यह जानकारी दी गई। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में प्रचंड बहुमत के साथ कांग्रेस 15 वर्ष बाद सत्ता में आई है।
भूपेश कैबिनेट की बैठक में अधिगृहित जमीन को वापस लौटाने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्री रविंद्र चौबे और मोहम्मद अकबर ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि 1 महीने के भीतर चीफ सेक्रेटरी इस मामले में नीतिगत निर्णय लेकर जमीन वापस करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। रविंद्र चौबे ने बताया कि धारा 101 के तहत सरकार जमीन लौटाने का फैसला ले रही है।
मंगलवार को राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में मुख्यमंत्री भूपेश की अगुआई में कैबिनेट के नौ मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह के बाद सीएम भूपेश बघेल ने अपने मंत्रि मण्डल के सदस्यों को दोपहर भोजन के लिए अपने आवास में आमंत्रित किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में मंत्रियों के साथ बैठक ली।
इससे पहले दो अन्य मंत्री टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू भी मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। शपथ ग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही प्रदेश में कांग्रेस के नए मंत्री मण्डल का चेहरा साफ हो गया है। मंत्रालय महानदी भवन में नवगठित कैबिनेट की पहली बैठक में बघेल मंत्रियों को मार्गदर्शन दिया।
मंत्री पद की शपथ लेने वालों में रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर, शिव डहरिया, रुद्र गुरु, उमेश पटेल, कवासी लखमा, प्रेमसाय सिंह टेकाम, जयसिंह अग्रवाल, और अनिला भेड़िया के अलावा टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू शामिल हैं।
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