रायपुर। एसजी न्यूज़। शिक्षाकर्मी संविलियन को लेकर अभी बात पूरी हुई नही है लेकिन जो नियामित शिक्षक है वो संविलयन को लेकर संसय में है। संसय का कारण उनकी खुद की प्रमोशन अटकने और बाद में भर्ती हुए शिक्षाकर्मी संविलियन होने से उनके ऊपर हो जाने का डर है।
एक संघ से जुड़े शिक्षक का कहना है कि सरकार संविलियन कैसे करती है यह देखना पड़ेगा क्योंकि व्याख्याता पंचायत जिला स्तरीय पद है जबकि नियमित शिक्षक राज्यस्तरीय पद है। नियमित शिक्षकों के पदोन्नति के पद 25-30 साल से लंबित है। संविलियन से तकनीकी रूप से नियमित शिक्षक जुनियर हो जायेंगे, उनका पदोन्नति मे समस्या आ सकती है।
नियमित शिक्षकों का सवाल है कि क्या राज्य सरकार नियमित भर्ती के नियम और पंचायत भर्ती के नियमों को समान मानकर संविलियन करने की कोशिश मे है या चुनावी चक्कर मे आने वाली पीढियों के रोजगार मे समस्या ला रही है।
नियमित शिक्षकों का कहना है हमें संविलियन का मसौदा देखना पडेगा, यदि हमारे अधिकारो का हनन करके चुनावी लाभ लेने की कोशिश है तो यह अन्याय है।
उनका यह भी कहना है सभी शिक्षा कर्मी हमारे साथी है। हमारा विरोध उनसे नही है बशर्ते हमारे नियमित शिक्षक के भविष्य से खिलवाड़ नही होना चाहिए। अन्यथा हम न्यायालय की शरण मे जायेंगे।
अभी संविलियन का मसौदा सामने नही आया है कि कैसे होगा। शिक्षाकर्मियों की मांग सीधे शिक्षक के रूप में ही है ऐसे में यह एक टकराव की स्थिति बन सकती है। अब देखना यह है कि सरकार क्या निर्णय लेती है।
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