रायपुर। पुराने मंत्री, संसदीय सचिवों के बंगले नई सरकार के मंत्रियों को मिलने से पहले चमकेंगे। लोक निर्माण विभाग साज-सज्जा की प्लानिंग में जुट गया है। इसी कड़ी में मंगलवार को मंत्री बंगलों से सामान सेंट्रल स्टोर रूम रवाना किया गया। मंत्री-विधायकों के बंगलों के रिनोवेशन के लिए प्लानिंग की गई है।
भाजपा कार्यकाल में पूर्व मंत्रियों के बंगलों की दीवारों, अंदर के इन्फ्रास्ट्रक्चर की डिजाइन तक बदली गई थी। अब फिर नई सरकार के गठन के बाद लोक निर्माण विभाग नई डिजाइन के साथ बंगलों की चाबी नए मंत्रियों को सौंपेगा। भाजपा सरकार के जाते ही सरकारी बंगले से सरकारी सुविधाएं खत्म कर दी गईं थी। विधायक-मंत्रियों के यहां से 65 अधिकारी-कर्मचारियों को उनके मूल विभागों में वापस किया गया।
मुख्यमंत्री निवास को भी खाली करने का प्रोसेस शुरू हो चुका है। पूर्व सीएम का सामान मौलश्री निवास में शिफ्ट कराया गया है। पूर्व मंत्रियों के निवास में भी विभागीय दस्तावेज समेटे जा रहे हैं। पूर्व मंत्री रमशीला साहू के बंगले से दस्तावेज बाहर करने के साथ कार्यालयीन सामान सेंट्रल स्टोर रूम के लिए रवाना किया गया।
नए पत्थरों से सजेगा द्वार
लोक निर्माण विभाग मंत्री बंगलों के प्रवेश द्वार को आकर्षक बनाने की भी तैयारी में है। नए मंत्री व विधायकों का निवास स्थल तय होते ही नए पत्थरों में नाम व पद को आकर्षक तरीके से उकेरा जाएगा।
लाखों का बजट मेंटेनेंस के लिए
विधानसभा की तरफ से नए विधायकों को बंगला आवंटित होते ही मेंटेनेंस व मरम्मत का जिम्मा लोक निर्माण विभाग को सौंप दिया जाएगा। लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी सामान जुटा रहे हैं। पिछले कार्यकाल में आवंटित विभागीय सामान की सूची का मिलान किया जा रहा है। इसमें इलेक्ट्रानिक सामान, कार्यालयीन व निवास के लिए फर्नीचर आदि शामिल हैं। नए मंत्री, विधायकों की जरूरत के हिसाब से उन्हें सामान दिए जाएंगे।
खर मास में प्रवेश नहीं
16 दिसंबर से लेकर 14 जनवरी तक खरमास है। इस दौरान गृह प्रवेश का कोई भी कार्यक्रम नहीं किया जा सकता। इसलिए माना जा रहा है कि डेढ़ से दो महीने बाद नए मंत्री अपने बंगलों में पहुंचेंगे। मुहूर्त देखकर अब विभागीय अफसर जल्दबाजी करने से बच रहे हैं।
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