रायपुर/महासमुंद। एस.जी.न्यूज। तथाकथित कुनकी हाथियों को कर्नाटक से लाये जाने पर विभिन्न आरोपों को झेल रहे वन विभाग को खुशखबरी मिल सकती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार “युगलक्ष्मी” खुशखबरी दे सकती है।
गौरतलब है कि वन हाथियों को खदेड़ने और बंधक बनाने के दावे के साथ वन विभाग पांच कुनकी हाथी तीरथराम, दुर्योधन, गंगा, परूशराम और युगलक्ष्मी को फरवरी 2018 में लाया गया था। यह बहस का मुद्दा बना हुआ है कि ये हाथी कुनकी है या सामान्य केम्प हाथी परंतु इस बीच एस.जी.न्यूज को प्राप्त समाचारों के अनुसार कुछ दिनों पूर्व 20 वर्षीय “युगलक्ष्मी” का मेल दुर्योधन से हुआ है जिससे उसके गर्भवती होने की संभावना है।
आपको बता दें कि एशिया और अफ्रीका दोनों के हाथियों का गर्भाधान पीरड 22 माह होता है। बच्चा जनने के पश्चात् सामान्य परिस्थितियों में हथनी अगले दो वर्ष तक गर्भाधारण नहीं करती। अगला गर्भाधारण इस बात पर भी निर्भर रहता है कि हाथी का बच्चा नर है या मादा। क्योंकि नर बच्चा शारीरिक बढ़ोत्तरी के लिये काफी मात्रा में ज्यादा दुध पीता है। अफ्रीका में आकाल पड़ने पर तो मादा हथनी गर्भाधारण की अवस्था तक नहीं पहुचती है।
हाथियों के व्यवहार का अध्ययन करने वाली विश्व प्रसिद्ध लेखिका जायसे पूले ने बताया है कि जंगल में मां के मर जाने या बिछड़ जाने पर 2 वर्ष तक के हाथी के बच्चे मर जाते है। दो से पांच वर्ष के बच्चों में से सिर्फ 30 प्रतिशत बच्चे, मां की मौत के दो वर्ष तक जिन्दा रह पाते है और पांच से 10 वर्ष की उम्र के 50 प्रतिशत ही जिंदा रहते है।
हाथियों के बच्चे इन्हीं सब कारणों से हाथी परिवार के लिये अति महत्वपूर्ण होते हैं और बच्चे के साथ चल रहा वन हाथियों का परिवार भीड़ इकट्ठा होने पर और बच्चे के साथ अन्य परिस्थितियों में भी आक्रमक हो सकता है इसलिये हमें वन हाथियों का व्यवहार समझना चाहिये।
जो भी हो सिरपुर में युगलक्ष्मी द्वारा खुशी के समाचार का इन्तजार सभी को रहेगा। वैसे 25 वर्षीय गंगा से भी वन विभाग उम्मीद में रहेगा। वैसे अभी तक आधिकारिक तौर पर वन विभाग ने इसके गर्भधारण होने या न होने का मेडिकल नही कराया है।
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