संदीप तिवारी, रायपुर 3 जनवरी 2020. वन विभाग, जंगल में अनुसूची-१ के जानवरों के हो रहे. शिकार को रोकने में लगातार असफल रहा है. वन विभाग के उच्च अधिकारियों का मानना है कि जो एसडीओ हैं वह काबिल है और उन्हें बस्तर क्षेत्र के 6 वन मंडल जिनमे बीजापुर, पश्चिम भानुप्रतापपुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, इंद्रावती टाइगर रिजर्व में नियुक्त किया है. जाहिर सी बात है कि आईएफएस को दरकिनार कर काबिल और विश्वसनीय अधिकारियों को ही इतने महत्वपूर्ण जंगल क्षेत्र में एसडीओ को सभी छह बन मंडल में प्रभार दिया गया. फिर आखिर यह विश्वसनीय और काबिल अधिकारी इस क्षेत्र में शिकार रोकने में और अवैध कटाई रोकने में असफल क्यों हो रहे हैं.
7 तस्कर पकड़ाए
आज ही दंतेवाड़ा में 7 तस्कर 4 तेंदुए की खाल के साथ पकड़े गए. जिससे जाहिर होता है कि यहां पर लगातार वन्य प्राणियों का शिकार हो रहा है. आपको कुछ डाटा देखकर आश्चर्य होगा कि बस्तर के लगभग इन्हीं इलाकों लगातार और जमकर वन्य प्राणियों का शिकार हुआ है.
लगातार इस क्षेत्र में हो रहा शिकार
वाइल्डलाइफ एंटी पोचिंग डेटाबेस के अनुसार वर्ष 2014 -18 तक दक्षिण जंगल के क्षेत्रों में 50 तेंदुए की खाल बरामद हो चुकी है. वर्ष 2014-16 के बीच 17 बाघों की खाल बरामद हुई है. इसका मतलब साफ़ है यह कितना महत्वपूर्ण और संवेदनशील जंगल का इलाका है.



क्यों नहीं रोक पा रहे वन्य प्राणियों का शिकार
वन विभाग के जानकारों का मानना है कि वन्य प्राणियों का लगातार शिकार होने के पीछे की वजह विभाग की लापरवाही है. विभाग जब भी तस्करों को पकड़ता है तो उन पर ऐसे केस नहीं बना पाता जिससे उनको सजा हो पाए. अधिकांशत: तस्कर कोर्ट से छूट जाते हैं, जिससे उनका हौसला बुलंद रहता है. वन विभाग के पास ऐसे वकील की कमी है जो सही ढंग से केस बनवा पाए और केस को कोर्ट तक अंजाम दे पाए. जब तक यह नहीं होगा तब तक तस्करी चलती रहेगी।
More Stories
करोनाकाल मे खरीदी गई 2 दर्जन से भी अधिक चमचमाती ब्लैक scorpio……..कैम्पा मद वन विभाग में बना शक्ति प्रदर्शन का जरिया?? …..विभाग में अधिकारियों के सैकड़ों तबादले फिर भी कैम्पा के सीईओ भाजपा शासन से अब तक जमे है, विधानसभा में उठा मामला
वन विभाग की लापरवाही से पैंगोलिन का शिकारगढ़ बना छत्तीसगढ….. इसके खाल की चीन में है सबसे ज्यादा मांग, विधानसभा में उठ सकता है मुद्दा
जैव विविधता बोर्ड के मुखिया ने चाटुकारिता का लगाया तड़का: गिधवा-परसदा पक्षी उत्सव में ऐसे मचाये कई रात तक शोर कि पक्षी क्या शेर भी भाग जाय….. क्या पक्षियों का ये संरक्षण है?? मुख्यमंत्री को गुमराह कर पक्षियों के बीच उतरवाए हेलीकाप्टर