नई दिल्ली, 16 जून 2020। पूर्वी लद्दाख में गालवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए हैं। सरकार के सूत्रों से हवाले इस बात की जानकारी मिली है। हालांकि चीन की क्षति के बारे में सटीक संख्या की जानकारी नहीं दी गई है। कहा है कि गया है कि चीन को भी नुकसान का सामना करना पड़ा है। 40 से अधिक सैनिक या तो मारे गए हैं या फिर घायल हैं।
शहीद होने वाले जवानों में कर्नल बी संतोष बाबू, 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर, 81 फील्ड रेजिमेंट के हवलदार के पलानी और 16 बिहार रेजिमेंट के हवलदार सुनील कुमार झा शामिल है.
वहीं, सूत्रों ने यह भी बताया है कि चीन के 43 सैनिकों को नुकसान पहुंचा है। ये या तो मारे गए हैं या फिर घायल है। इन्हें ले जाने के लिए चीन के कई चॉपर एलएसी के करीब दिखे।
चीन सीमा पर 45 साल बाद सैनिकों की शहादत
इससे पहले 1975 में अरुणाचल में भारत और चीन के सैनिकों के बीच भिड़ंत में चार जवान मारे गए थे। हालांकि सामान्य तौर पर 1967 के सिक्किम में हुए संघर्ष को दोनों देशों के बीच आखिरी खूनी संघर्ष के तौर पर माना जाता है। तब सीमा पर हुई थी गोलीबारीअरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला इलाके में तब असम रायफल्स के चार जवान चीनी सैनिकों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। उस वक्त चीनी सैनिकों ने एलएसी पार की और गश्त कर रहे 20 अक्तूबर 1975 को भारतीय जवानों पर हमला किया। चीन ने तब भारत पर एलएसी पार करने के बाद आत्मरक्षा में गोली चलाने का बहाना बनाया था।
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