बिलासपुर। हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शासन को भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ समय पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका को निराकृत किया है। चिरमिरी निवासी राजकुमार मिश्रा की ओर से पेश याचिका में कहा गया था कि वर्ष 2014 से 2016 के बीच प्रदेश के 60 अधिकारी, कर्मचारियों के पास अनुपातहिन संपत्ति का पता चला था।
इनके पास से एक अरब 53 करोड़ 47 लाख से अधिक की संपत्ति जब्त की गई। इन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ एसीबी कार्रवाई नहीं कर रही है। छापे के बाद उनके खिलाफ चालान ही पेश नहीं किया। याचिका में हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा था।
शासन की ओर से बताया कि वर्षवार कितने भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ चालान पेश किया गया, कितने प्रकरण लंबित हैं एवं कितने के खिलाफ भारत सरकार से अभियोजन स्वीकृति मांगी गई है।
कोर्ट ने पाया कि अधिकांश अधिकारियों के खिलाफ चालान पेश कर दिया गया है। चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी व जस्टिस पीपी साहू की डीबी ने शासन को बचे हुए भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ भी समय पर कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए याचिका को निराकृत कर दिया है।
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