रायपुर, 3 मई 2020, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर स्वास्थ्य कर्मियों की तरह ही पुलिसकर्मी, स्थानीय निकाय और जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज अंतर्गत बीमा योजना में शामिल करने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र में लिखा है कि सबसे पहले मैं आपको महामारी रोग अध्यादेश (संशोधन), 2020 लागू करने के लिए बधाई देता हॅू। छत्तीसगढ़ राज्य में स्वास्थ्य सेवाकर्मी, पुलिसकर्मी तथा अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी पूर्ण समन्वय स्थापित कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे है। यद्यपि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाकर्मियों पर किसी भी प्रकार के हमले की घटना घटित नही हुई है तदापि उपरोक्त अध्यादेश कोरोना संक्रमण से लड़ने वाले योद्धाओं को एक मजबूत सुरक्षा कवज प्रदाय करता है। इसके साथ-साथ भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाकर्मियों के लिए 50 लाख रूपए के बीमा योजना की घोषणा की गई है, जो एक स्वागत योग्य कदम है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि आपका ध्यान स्वास्थ्य सेवाकर्मियों के अतिरिक्त उन हजारों कर्मचारी एवं अधिकारियों के योगदान की ओर आकर्षित करना चाहूंगा, जो दिन-रात लाॅक-डाॅउन को सफल बनाने में जुटे हुए है। जैसा की आप अवगत है, अपने इस कर्तव्य के निर्वहन के दौरान कई कर्मचारी एवं अधिकारी भी कोविड-19 से संक्रमित हुए है, परंतु आश्यर्च का विषय है कि भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाकर्मियों के लिए लागू की गई बीमा योजना के दायरे में राज्यों के इन कर्मचारी-अधिकारियों को बीमा योजना में सम्मिलित नही किया गया है। उपरोक्त अध्यादेश के तहत ‘स्वास्थ्य सेवाकर्मी‘ की परिभाषा की ओर ध्यान दें तो धारा -1A(b)(ii)में ऐसे व्यक्ति सम्मिलित है, जो महामारी को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए अधिकृत किए गए है। अर्थात् पुलिसकर्मी, स्थानीय निकाय एवं जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी भी इस परिभाषा की परिधि में निश्चित रूप से शामिल होंगे, जिनके द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव एवं नियंत्रण के लिए अथक प्रयास किए जा रहे है, उन्हें भी स्वास्थ्य कर्मी मानते हुए स्वास्थ्य बीमा का लाभ प्राप्त होना चाहिए।
श्री बघेल ने भारत सरकार द्वारा घोषित इस बीमा योजना में पुलिसकर्मी, स्थानीय निकाय और जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों को भी शामिल करने का अनुरोध किया है।
More Stories
वन विभाग में अधिकारीयों के बीच 18.5 प्रतिशत कमीशन बाटने के विवाद में, 800 मजदूर 6 महीने से भटक रहे मजदूरी भुगतान को??? काम के बाद भी पेट की भूख के लिए कराह रहे मजदूर….. रेंजर का आरोप डीएफओ 18.5 प्रतिशत मांग रही मजदूरी भुगतान में कमीशन….
मुख्य वन संरक्षक बड़गैयया को सूचना आयोग ने जारी किया कारण बताओ नोटिस…. कहा ..”क्यों नहीं आप के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की जावे”…. डीएफओ को भी जारी हुआ 25000 अर्थदंड का नोटिस…
प्रदेश के इतिहास में पहली घटना: किसी अधिकारी के ट्रांसफर के विरोध में बड़ी संख्या में सैकड़ो किलोमीटर की दूरी तय कर जनता पहुंची राजधानी मंत्री के बगले… मंत्री बगले के सामने कतार लगाकर किया प्रदर्शन..