भोपाल 21 अप्रैल 2020. कोरोना वायरस का दहशत इस प्रकार है कि एक पुत्र और उसके परिवार के लोगों ने पिता की अर्थी लेने से इंकार कर दिया. ना ही सिर्फ अर्थी लेने से बल्कि दाह संस्कार करने से भी इनकार कर दिया. ऐसे में प्रशासन के पास इस बात को लेकर चिंता हो गई की पार्थिव शरीर का दाह संस्कार कैसे किया जाए? बड़ी जद्दोजहद के बाद जब परिवार का कोई व्यक्ति पार्थिव शरीर लेने के लिये राजी नहीं हुआ तो अंत में तहसीलदार स्वयं मृतक का अंतिम संस्कार करके मानवता दिखाई.
दरअसल स्व. प्रेम सिंह मेवाड़ा शुजालपुर की कोरोना पॉजिटिव होने से मृत्यु हो गई थी। उनके बेटे संदीप मेवाड़ा और परिवार वालों ने मृतक की बॉडी लेने से मना कर दिया। अन्य कोई भी व्यक्ति बॉडी उठाने और अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं था। ऐसे में तहसीलदार बैरागढ़ गुलाब सिंह बघेल ने कोरोना संक्रमित मरीज स्व. प्रेम सिंह मेवाड़ा का मानवता के नाते अंतिम संस्कार कर सच्चा उदाहरण पेश किया।
दो दिनों से शव रखा था मर्चुरी में
विगत 2 दिन से प्रेम सिंह मेवाड़ा का शव मोर्चरी में रखा रहा। उनके परिवार ने शव लेने से मना किया और जिला प्रशासन द्वारा ही अंतिम संस्कार कराने के लिए दबाब बनता रहा। उन्होंने अंतिम समय तक शव को लेने से मना कर दिया, जबकि जिला प्रशासन ने कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार सारी व्यवस्थाएं कर दी थीं। पीपीई किट, सेनेटाइजर, ग्लब्स आदि देने के बाद भी मृतक के पुत्र संदीप मेवाड़ा ने मुखाग्नि देने से मना कर दिया, इस निर्णय में मृतक की पत्नी और उनके साले भी साथ थे।
आज दोपहर सब व्यवस्था होने के बाद जब परिवार ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया तो तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल ने मृतक को मुखाग्नि देकर मानवता की मिसाल पेश की। कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने तहसीलदार को शाबासी दी और उनके इस उत्तम कार्य के लिए प्रशंसा की।
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