केशकाल/रायपुर, 10 नवंबर 2020. छत्तीसगढ़ वन विभाग में बड़े पैमाने पर आईएफस के तबादले हुए हैं, जिसके चलते कांकेर वन वृत्त के अंतर्गत केशकाल वनमण्डलाधिकारी धम्मशील गणवीर का ट्रांसफर दुर्ग हो गया है, वहीं उनकी जगह रायपुर वनमण्डल के डीएफओ बीएस ठाकुर केशकाल लाया गया हैं।
ट्रांसफर के विरोध में जनता सडक पर
डीएफओ धम्मशील के ट्रांसफर का क्षेत्र में विरोध उनके अच्छे कार्यों के कारण हो रहा है. डीएफओ से आदिवासी ख़ुश थे खुश होने कि वजह आदिवासियों को समूहों में जोड़कर उन्हें काम पर लगाने की पहल धम्मसील लगातार कर रहे थे.



विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि कुऍंमारी, उपरबेदी, माँझीनगढ़, टाटामारी में डीएफओ धम्मशील गणवीर द्वारा व्यापक पैमाने पर विकासकार्यों की शुरुआत की गई थी जिससे आने वाले समय मे केशकाल वनमण्डल अंतर्गत आने वाले पर्यटन स्थलों का कायाकल्प होने वाला था। लेकिन डीएफओ के तबादले की खबर सुन कर स्थानीय वन समितियां व ग्रामीण नाखुश नजर आये। ट्रांसफर की खबर सुनते ही अगले दी खल्लारी के ग्रामीण सड़क पर उतर आए और डीएफओ का ट्रांसफर रोकने हेतु सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.. बड़ेराजपुर ब्लॉक के विभिन्न ग्रामवासियों ने मिलकर तबादला रुकवाने हेतु मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है भविष्य में व्यापक पैमाने पर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी है।
क्या सीसीएफ ने विधायक को नीचा दिखाने डीएफओ का कराया ट्रांसफर??
विभाग और क्षेत्रीय नेताओं में अब एक बात को लेकर खूब चर्चा हो रही है कि केशकाल से कांग्रेस विधायक व बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वन वृत्त कांकेर के सीसीएफ एसएसडी बड़गैंया के कार्यों से नाखुश होकर उन्हें हटाने गुहार लगाई थी. सत्ताधारी दल के विधायक की उनकी सरकारी ने एक न सुनी लेकिन बड़गैय्या ने उनके क्षेत्र का डीएफओ हटाकर अपने विश्वस्त को विधायक के क्षेत्र में लाने में कामयाब हो गए. कहा यह भी जा रहा है कि बड़गैय्या ने ऐसा इसलिए किया जिससे विधायक को यह एहसास दिलाया जा सके कि सत्ता में मेरी ही चलती है मुझसे दुश्मनी न लें?



चर्चा यह भी है: आतंरिक टारगेट पूरा करने में डीएफओ की ईमानदारी से विभाग को हो रही थी परेशानी
ज्ञात हो कि हाल ही में जांजगीर वनमंडल में एक रेंजर ने लिखित में डीएफओ की शिकायत किया था कि ऊपर के अधिकारियो के नाम पर 18.5% प्रतिशत का कमीशन मांगती है. यहाँ तक कि सभी के प्रतिशत भी लिखें थे. जिसके बाद विभाग में हलचल मच गई थी. हालांकि मामले को चुपचाप दबा दिया गया. विभाग के अंदर और बाहर के सभी लोगों का मानना है कि धम्मशील ईमानदार प्रकृति के अधिकारी है और आतंरिक टारगेट पूरा नहीं कर पा रहे थे विभाग को ऐसे में ईमानदारी से काम करना तो अखरेगा ही… हालांकि सच्चाई तो विभाग ही बता सकता है कि ट्रांसफर क्यों हुआ.
विधायक की इज्जत लगी दांव पर…
राजनीतिक़ स्थिति में बस्तर में पार्टी के अंदर भी दो धड़े है एक धड़ा अब पार्टी के अंदर और ठेकेदारों के बीच यह प्रचार कर रहा है कि क्षेत्रीय विधायक कि अपनी ही पार्टी में कोई नहीं सुनता इसलिए दूसरे खेमे से नजदीकी बढ़ाओ… अब विधायक की राजनीतिक़ दांव साख पर है कि वो डीएफओ का ट्रांसफर रुकवा पाते है या नहीं?? क्युकी विधायक के क्षेत्र की जनता भी ट्रांसफर से नाराज है और विधायक जनप्रतिनिधि है जनभावना उनके लिये महत्वपूर्ण है..
इंतजार कीजिये इस लड़ाई में नेता जी अपनी साख बचा पाते है या अधिकारी अपना दम दिखाते है
More Stories
गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित हुआ सद्भावना क्रिकेट मैच में पुलिस विभाग में विजेता ,एसडीओपी विकास पाटले के अनूठी पहल की सर्वत्र सराहना
वन विभाग में अधिकारीयों के बीच 18.5 प्रतिशत कमीशन बाटने के विवाद में, 800 मजदूर 6 महीने से भटक रहे मजदूरी भुगतान को??? काम के बाद भी पेट की भूख के लिए कराह रहे मजदूर….. रेंजर का आरोप डीएफओ 18.5 प्रतिशत मांग रही मजदूरी भुगतान में कमीशन….
मुख्य वन संरक्षक बड़गैयया को सूचना आयोग ने जारी किया कारण बताओ नोटिस…. कहा ..”क्यों नहीं आप के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की जावे”…. डीएफओ को भी जारी हुआ 25000 अर्थदंड का नोटिस…