रायपुर, 03 सितम्बर 2020. रायपुर नगर निगम द्वारा सूचना का अधिकार के तहत जानकारी प्रदाय नहीं करने और सूचना आयोग के आदेश का पालन नहीं करने के चलते सूचना आयुक्त अशोक कुमार अग्रवाल ने कड़ा रुख अपनाते हुए नगर निगम कमिश्नर को ही कारण बताओ नोटिस भेजकर पूछा है कि क्यों ना आपके के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा शासन से की जावे?
क्या है मामला?
दरअसल एक शिकायत प्रकरण (C/33/2018) नितिन सिंघवी विरुद्ध जन सूचना अधिकारी रायपुर नगर निगम की सुनवाई करते हुए लगभग 2 वर्ष पूर्व 26 अक्टूबर 2018 को सूचना आयोग ने रायपुर नगर निगम के कमिश्नर को आदेशित किया था की सूचना आयोग ने प्रकरण में जन सूचना अधिकारी को जो पेनल्टी नोटिस जारी किया है उस नोटिस की तामिली कमिश्नर नगर पालिका निगम कराएंगे.
प्रकरण की अगली सुनवाई 20 जनवरी 2020 को जब हुई तब सूचना आयोग ने पाया की कमिश्नर नगर निगम ने न तो जन सूचना अधिकारी को जारी पेनल्टी नोटिस को तामील कराया है और ना ही नगर निगम की तरफ से जन सूचना अधिकारी उपस्थित हुआ है. इस लापरवाही को सूचना आयोग ने गंभीरता से लेते हुए अब कमिश्नर नगर पालिक निगम को फिर आदेशित किया है कि सूचना आयोग के पेनल्टी नोटिस को वो संबंधित जन सूचना अधिकारी को तामील कराएं और पूर्व में जारी आदेश का पालन नहीं किए जाने के कारण शो कॉज नोटिस देते हुए पूछा है की क्यों ना कमिश्नर नगर पालिक निगम के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा शासन से की जावे?



गौरतलब है कि रायपुर नगर पालिक निगम का कमिश्नर आईएएस अधिकारी होता है और सूचना आयोग के इस आदेश से स्पष्ट होता है कि आयोग भविष्य में रायपुर नगर निगम के विरुद्ध कड़क रुख अपनाने के मूड में आ गया है. जानकारों के अनुसार वर्तमान में पदस्थ कमिश्नर को ही नोटिस का जवाब देना पड़ेगा।
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