कांकेर/रायपुर, 29 अक्टूबर 2020, मुख्यमंत्री के कड़े तेवर के बाद भी अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. ऐसे कार्यों का प्रस्ताव शासन को भेजते हैं जिनकी न जरुरत होती न कोई मांग सिर्फ भ्रष्टाचार करने की दृस्टि से ऐसे प्रस्ताव भेजे जाते हैं और पैसे का आवंटन करने वाले भी आँख मूंदकर आवंटन कर देते हैं. हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने टेंडर में मिल रही अनियमितता की शिकायत पर एक विभाग के 13 हजार करोड़ से अधिक के टेंडर निरस्त कर चुके हैं.
क्या है मामला
दरअसल छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने कांकेर जिला के दो वनमंडल में विकास एवं पर्यावरण निधि से वित्तीय वर्ष 2020-21 में 70 किलोमीटर वन मार्गो के मुरमीकरण कार्यो की स्वीकृति दी गई है, कांकेर वनवृत के पूर्व वनमण्डल में कुल 48 किलोमीटर लागत राशि 8 करोड़, 79 लाख 36 हजार एवं पशिचम वन मंडल में 22 किलोमीटर लागत 04 करोड़ 03 लाख 04 हजार कुल 12 करोड़ 82 लाख के संवेदनशील व अति संवेदनशील क्षेत्रों में विकास एवं पर्यावरण निधि से वित्तीय वर्ष 2020-21 के वनमार्गो में मुरमीकरण कार्यों की स्वीकृति 04 जून 2020 को किया गया। जो कि कार्य प्रारंभ होने से पहले ही संदेश के घेरा नज़र आ रही है।
पहले से बनी हुई रोड पर स्वीकृत कराया कार्य
जिन कार्यों को वन विभाग स्वीकृत करवाया उनमे से अधिकांश सड़के पहले से ही पुर्ण एवं अच्छी स्थिति में है, वही इनमे से कुछ मार्ग प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में भी प्रस्तावित बताये जा रहे है। इतना ही नहीं लाबी सड़क को 2-2 किमी में बांटकर दिखाया गया. छोटी सड़के दिखने से मैन्युअल पद्धति से ठेका दिया जा सकेगा बड़ी सड़क बनाने के लिए ई-टेंडर करना पड़ता जिसमे खेल नहीं हो पता.



लागत से ज्यादा का करवाया बजट पास
जंगल एवं संवेदनशील क्षेत्र में डब्लूबीएम रोड बनाने की दर 15 लाख रूपये पति किलोमीटर कैप्म माध में निर्धारित है। जबकि इस प्रोजेक्ट में मात्रा मुरुम मिटटी का काम के लिए दर 18 लाख रूपये प्रति किमी से अधिक है. प्रोजेक्ट में कार्य स्थल से मूरूम 30 किलोमीटर एवं मिट्टी ढुलाई 05 किलोमीटर की दूरी से लाना बताया जा रहा है,जो समझ से परे है क्योंकि सड़क निर्माण कार्य में मिट्टी व मूरूम नजदीक क्षेत्र से ढुलाई किया जाता है,जिससे लागत कम आते है।
- प्रति किलोमीटर मिट्टी मुरमिकरण कार्य मे 4 लाख 25 बढ़ाया गया है।
- जो मार्ग मर कार्य बताए जा रहे है , पहले ही बनाया जा चुके है, वर्तमान में सड़क की स्थिति अच्छी है,
- जिस सड़क पर कार्य बताया जा रहे है उनमें से कुछ सड़के प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में प्रस्तावित है।
- जो सड़के ग्रामीणों के द्वारा आवेदन पर प्रस्तावित बताया जा रहा है, सूत्रों कि माने तो ग्राम पंचायतों में इन सड़कों की मांग नही किया गया है।






पुराना प्रस्ताव है कराएँगे जाँच- एस एस डी बढ़गईया मुख्य वन संरक्षक वनवृत्त कांकेर
एसजी न्यूज़ से बात करते हुए एस एस डी बढ़गईया मुख्य वन संरक्षक वनवृत्त कांकेर ने विभाग का बचाव करते हुए कहा यह पुराना प्रस्ताव था इसमें जाँच करवाएंगे ऐसा कैसे हुआ? यह पूछे जाने पर कि इस प्रकार के प्रस्ताव बनाने वाले पर कार्यवाही होगी क्या? उन्होंने कहा जाँच करने के उपरांत कार्यवाही की जाएगी जाँच के पहले कुछ नहीं कहा जा सकता है.
जाँच के लिए आज ही भेज रहे है- राकेश चतुर्वेदी, पीसीसीएफ एवं वनबलप्रमुख
एसजी न्यूज़ से बात करते हुए राकेश चतुर्वेदी, पीसीसीएफ एवं वनबलप्रमुख ने कहा जानकारी मिली है उक्त कार्य में तकनीकी खामियां है उसकी जाँच के लिए आज ही पत्र भेजा जा रहा है. यह पूछे जाने पर की इस प्रकार का प्रस्ताव किसने दिया ? उन्होंने कहा यह प्रस्ताव वनमंडल मुख्यालय नहीं आया है यह डीएफओ और सीसीएफ ऑफिस से सीधे कलेक्टर को जाता है इसलिए इसकी जानकारी नहीं है. जाँच कराएँगे।
कैसे खुली भ्रष्टाचार के बंदरबांट की पोल
उक्त कार्य वनमंडल में होना है ऐसी जानकारी जब क्षेत्र के ठेकेटरों को पता लगी तो सभी ने अपनी अपनी जुगाड़ और पहुंच लगाने नेताओं के पास पहुंच गए, नेता जी भी काम होसियार नहीं थे उन्हें इसमें मिलने वाली मलाई की भनक लग गई उन्होंने अपने करीबी को ही काम देने के लिए दबाव दाल दिया, जिन ठेकेदारों को कुछ मिलता नहीं दिख रहा था उन्होंने पूरे सांठगांठ का रायता मीडिया में फैला दिया।
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